दगी भर जिंदगी से शिकवा न करना,
खुदा को सरेआम यूँ बेहया न करना ।
उसकी मेहर को मिल्कियत मानने वाले,
साँसों को सरजमीन से अलहदा न करना।
जोश-औ-जुनूं बटे हैं सबमें हीं एक से,
हिम्मत से बदसलूकी तो बेवज़ा न करना।
अब तक करे है तू तकदीर का रोना,
अंधी सरपरस्ती तू इस दफा न करना।
इम्तिहां और इत्मीनान सीखकर उससे,
रात को सुबह का तू रास्ता न करना।
बरबस हीं बेबसी बन जाए है तेरी,
रिंदों को घरौंदे का यूँ हमनवा न करना।
’तन्हा’ ,लिबास रेशमी मिल गया तुझे,
खुदा की नेमतों को बस वाक्या न करना।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
खुदा को सरेआम यूँ बेहया न करना ।
उसकी मेहर को मिल्कियत मानने वाले,
साँसों को सरजमीन से अलहदा न करना।
जोश-औ-जुनूं बटे हैं सबमें हीं एक से,
हिम्मत से बदसलूकी तो बेवज़ा न करना।
अब तक करे है तू तकदीर का रोना,
अंधी सरपरस्ती तू इस दफा न करना।
इम्तिहां और इत्मीनान सीखकर उससे,
रात को सुबह का तू रास्ता न करना।
बरबस हीं बेबसी बन जाए है तेरी,
रिंदों को घरौंदे का यूँ हमनवा न करना।
’तन्हा’ ,लिबास रेशमी मिल गया तुझे,
खुदा की नेमतों को बस वाक्या न करना।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
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